School Time | स्कूल टाइम
थोड़ा सा पलट कर देखते है
आओ थोड़ा सा जी कर आते है
अधूरे ख्वाबों को अब अधूरा ही रहने देते है
आओ फिर से पुरानी गलियों में टहल कर आते है
कुछ न कुछ कहना तो बाकी रह ही गया होगा
पता है ना बहुत तेज रफ़्तार थी उस गाड़ी की
और थोड़ा-बहुत तो जिंदगी ने सताया भी होगा
आओ मिल-बैठ कर थोड़ी सी शिकायत करते है
आज मिले है तो ख्याल आया है
जिंदगी तो बहुत पहले ही जी चुके थे
बाकी तो मैने और तुमने बस उम्र गुजारी है
अमृत रस इस जीवन का, आओ थोड़ा सा चख कर आते है
स्कूल के बस्ते तक जो सिमट कर बैठी थी
वो घने जंगल के बाहर मीठे शहद की प्याऊ थी
होमवर्क की टेंशन भी तो उफ्फ कितनी भारी थी
सच कहूं, वो वाली लाइफ हीरे-नगीनों से भी प्यारी थी
मार्कशीट के नंबर देखकर जो आगे बढ़ जाती
आज बैलेंसशीट देखकर भी ठहरी हुई सी है लगती
जिंदगी तेरा हिसाब-किताब कुछ समझ नहीं आया
जब कुछ भी नही था, तूने सब कुछ तभी पा लिया
तुम ठहरो मैं जरा उससे पूछ कर आता हूं
मेरे कल को मेरे कल से क्या कोई शिकायत भी थी
बैठता हूं जाकर फिर से बारहवी कक्षा की बेंच पर
और तुम भी जरा सा पास आकर बैठना
शिकायत वाले नोट्स मुझे नहीं मिले तो तुम ट्राई करना
स्याही मेरी पेन में खत्म हो जाए तो थोड़ी सी तुम भर देना
आओ थोड़ा सा पलट कर देखते है
आओ थोड़ा सा टहल कर आते है।



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